जेठालाल का चश्मा उनकी पर्सनालिटी का एक अभिन्न अंग बन गया है। यह चश्मा उनके चेहरे पर इस कदर रचा-बसा है कि उनके बिना जेठालाल की कल्पना करना भी मुश्किल है। दर्शक उन्हें इसी रूप में पसंद करते हैं और यही वजह है कि शो के मेकर्स ने भी कभी उनके चश्मे को बदलने की कोशिश नहीं की।

कई बार शो में जेठालाल के चश्मे को लेकर चुटकुले भी बनाए गए हैं। कभी उनका चश्मा टूट जाता है, तो कभी खो जाता है, लेकिन अंत में वह हमेशा अपने उसी पुराने चश्मे के साथ ही नजर आते हैं। यह चश्मा अब उनकी पहचान का एक हिस्सा बन चुका है, जिसे बदलना शायद शो के लिए भी एक जोखिम भरा कदम होगा।

जेठालाल के चश्मे के पीछे एक और कारण हो सकता है ब्रांडिंग। शो की शुरुआत से ही जेठालाल का यह चश्मा दर्शकों के ज़हन में बस गया है। यह चश्मा अब एक ब्रांड की तरह काम करता है और इसे बदलने से शो की ब्रांडिंग पर असर पड़ सकता है।

हालांकि, कुछ दर्शकों का मानना है कि जेठालाल को अपने लुक में थोड़ा बदलाव लाना चाहिए। एक नया चश्मा उनकी पर्सनालिटी में एक नया आयाम जोड़ सकता है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मेकर्स इस बारे में कभी सोचते हैं या नहीं।

फ़िलहाल, जेठालाल का चश्मा उनकी पहचान बना हुआ है और यह देखना बाकी है कि क्या यह भविष्य में कभी बदलता है या नहीं। लेकिन एक बात तो तय है कि जेठालाल अपने चश्मे के साथ या उसके बिना, हमेशा दर्शकों के दिलों में राज करते रहेंगे। उनका चश्मा उनकी कॉमिक टाइमिंग और उनके अनोखे अंदाज़ का एक पूरक है, जो उन्हें और भी खास बनाता है।

इसलिए, अगली बार जब आप तारक मेहता का उल्टा चश्मा देखें, तो जेठालाल के चश्मे पर ज़रूर गौर कीजिएगा। क्योंकि यह सिर्फ़ एक चश्मा नहीं, बल्कि उनकी पहचान, उनकी ब्रांडिंग और उनकी कॉमिक टाइमिंग का एक अहम हिस्सा है।