पहला मंत्र है कड़ी मेहनत। मूर्ति हमेशा से ही मेहनती रहे हैं और उन्होंने अपने जीवन में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की है। वे मानते हैं कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता और इसके लिए कड़ी मेहनत करना जरूरी है।

दूसरा मंत्र है दृढ़ संकल्प। मूर्ति ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्प दिखाया और कभी भी हार नहीं मानी। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन वे हमेशा अपने लक्ष्य पर डटे रहे।

तीसरा मंत्र है नैतिकता। मूर्ति हमेशा से ही नैतिक मूल्यों का पालन करते रहे हैं और उन्होंने अपने व्यवसाय में भी नैतिकता को महत्व दिया। वे मानते हैं कि सफलता के लिए नैतिकता बहुत जरूरी है।

चौथा मंत्र है दूरदर्शिता। मूर्ति में दूरदर्शिता की कमी नहीं थी। उन्होंने आईटी उद्योग के भविष्य को पहले ही देख लिया था और इसीलिए वे इन्फोसिस जैसी सफल कंपनी बनाने में सफल रहे।

पाँचवां मंत्र है टीम वर्क। मूर्ति हमेशा से ही टीम वर्क में विश्वास रखते हैं। वे मानते हैं कि किसी भी काम को अकेले नहीं किया जा सकता और इसके लिए एक मजबूत टीम का होना जरूरी है। इन्फोसिस की सफलता का एक बड़ा कारण उनकी टीम की मजबूती ही थी।

इन पांच मंत्रों को अपनाकर आप भी नारायण मूर्ति की तरह सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं। याद रखें, सफलता एक दिन में नहीं मिलती, इसके लिए लगातार प्रयास और समर्पण की आवश्यकता होती है। मूर्ति का जीवन हमें यही सिखाता है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प, नैतिकता, दूरदर्शिता और टीम वर्क के साथ कुछ भी असंभव नहीं है।

क्या आप भी इन मंत्रों को अपनाकर अपने सपनों को साकार करेंगे? सोचिये और अपने जीवन में बदलाव लाइए। नारायण मूर्ति की कहानी हमें यही प्रेरित करती है कि हम भी अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं, बस जरूरत है सही दिशा में मेहनत करने की।