कहानी शुरू होती है अखंडानंद त्रिपाठी उर्फ कालीन भैया से, जो मिर्ज़ापुर का बेताज बादशाह है। उसका कारोबार अवैध हथियारों से लेकर ड्रग्स तक फैला हुआ है। उसकी हुकूमत का हर कोई खौफ खाता है। इसी बीच कहानी में आते हैं दो भाई, गुड्डू और बबलू पंडित। गुड्डू एक शांत और समझदार लड़का है, जबकि बबलू थोड़ा उग्र स्वभाव का है। एक घटना के बाद, ये दोनों भाई कालीन भैया के लिए काम करने लगते हैं।

शुरू में तो सब कुछ ठीक चलता है, लेकिन धीरे-धीरे गुड्डू और बबलू, कालीन भैया की दुनिया की क्रूरता को समझने लगते हैं। मुन्ना भैया, कालीन भैया का बेटा, एक सनकी और अहंकारी इंसान है। उसकी हरकतें गुड्डू और बबलू को बिलकुल रास नहीं आतीं। यहीं से शुरू होती है मिर्ज़ापुर के सत्ता संघर्ष की कहानी। मुन्ना भैया की एक गलती, गुड्डू और बबलू की जिंदगी हमेशा के लिए बदल देती है।

बदले की आग में जलता गुड्डू, कालीन भैया के साम्राज्य को चुनौती देने की ठान लेता है। वह अपने भाई और प्यार की मौत का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। इस जंग में कई लोग अपनी जान गंवाते हैं, कई रिश्ते टूटते हैं और कई नए समीकरण बनते हैं। मिर्ज़ापुर की गद्दी के लिए ये खूनी खेल लगातार जारी रहता है।

मिर्ज़ापुर की कहानी सिर्फ सत्ता के संघर्ष की कहानी नहीं है। यह उन लोगों की कहानी है जो अपनी परिस्थितियों से लड़ते हैं, अपने हक के लिए लड़ते हैं। यह एक ऐसी दुनिया की कहानी है जहां न्याय की अपनी अलग परिभाषा है और जहां वफादारी की कीमत जान से चुकानी पड़ती है।

इस वेब सीरीज की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण इसके किरदारों की गहराई भी है। हर किरदार अपने आप में एक कहानी है। चाहे वो कालीन भैया की चालाकी हो या फिर गुड्डू पंडित का साहस, हर किरदार दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाता है।

मिर्ज़ापुर ने भारतीय वेब सीरीज के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। इसने दर्शकों को एक ऐसी दुनिया से रूबरू कराया जिससे वे अब तक अनजान थे। इस सीरीज का इंतजार हर कोई बेसब्री से करता है। देखना होगा कि आने वाले सीजन में कहानी किस मोड़ पर जाती है।