माइकल का सितार से रिश्ता बचपन से ही रहा है। संगीत के प्रति उनका लगाव देखकर उनके परिवार ने उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने पंडित रवि शंकर जैसे दिग्गज संगीतकारों से शिक्षा ग्रहण की और अपनी मेहनत और लगन से सितार वादन में महारत हासिल की।

माइकल की संगीत यात्रा साधारण नहीं रही। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन अपने लक्ष्य से कभी नहीं डिगे। उन्होंने घंटों अभ्यास किया, संगीत के विभिन्न रूपों को समझा और अपनी कला को निखारा। उनका मानना है कि संगीत एक ऐसी भाषा है जो सभी को जोड़ती है और यही उनकी प्रेरणा है।

माइकल के संगीत में एक अनोखा जादू है जो श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता है। उनकी उँगलियाँ सितार के तारों पर ऐसे नाचती हैं जैसे कोई कथा कह रही हों। उनके संगीत में राग, ताल और भाव का अद्भुत समावेश होता है जो श्रोताओं को एक अलग ही दुनिया में ले जाता है।

माइकल ने कई प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में अपनी प्रस्तुतियां दी हैं और हर बार उन्होंने दर्शकों का दिल जीता है। उनके संगीत की प्रशंसा न केवल संगीत प्रेमियों द्वारा बल्कि संगीत के जानकारों द्वारा भी की जाती है। उन्हें कई पुरस्कारों और सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है।

माइकल का मानना है कि संगीत एक सContinuous प्रक्रिया है और सीखने की कोई सीमा नहीं होती। वे हमेशा नए प्रयोगों के लिए तत्पर रहते हैं और अपने संगीत में नयापन लाने की कोशिश करते हैं। वे युवा संगीतकारों के लिए एक प्रेरणा हैं और उन्हें संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

माइकल लुइस, एक ऐसा नाम जो संगीत की दुनिया में एक चमकते सितारे की तरह उभर रहा है। उनकी प्रतिभा, समर्पण और संगीत के प्रति प्रेम उन्हें ऊंचाइयों तक ले जाएगा और वे संगीत के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवाएंगे।