क्रेग ब्रैथवेट: टेस्ट क्रिकेट के अदृश्य योद्धा
उनका स्टांस, उनका ग्रिप, उनका डिफेंस, सब कुछ पुराने ज़माने की क्रिकेट की याद दिलाता है। जहाँ चौके-छक्कों की बारिश होती है, वहीं ब्रैथवेट विकेट पर टिके रहने को प्राथमिकता देते हैं। गेंदबाजों के लिए उन्हें आउट करना आसान नहीं होता। उनकी धैर्य और एकाग्रता देखते ही बनती है। वे घंटों क्रीज पर डटे रहकर विपक्षी टीम के धैर्य की परीक्षा लेते हैं।
ब्रैथवेट की बल्लेबाजी में कोई दिखावा नहीं, कोई आडंबर नहीं। वे सिर्फ़ रन बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, चाहे कितनी भी धीमी गति से क्यों न हो। यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। वे परिस्थितियों को समझते हैं और उसके अनुसार खेलते हैं। अगर पिच मुश्किल है, तो वे डिफेंसिव खेलते हैं। अगर मौका मिलता है, तो वे बाउंड्री भी लगाते हैं।
हालांकि ब्रैथवेट की स्ट्राइक रेट हमेशा चर्चा का विषय रही है, लेकिन उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता। वे टीम के लिए एक मजबूत नींव तैयार करते हैं, जिस पर बाकी बल्लेबाज खेल सकते हैं। उनकी उपस्थिति से दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को भी आत्मविश्वास मिलता है।
कई बार आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद, ब्रैथवेट ने हमेशा अपने खेल पर ध्यान केंद्रित रखा है। उन्होंने कभी अपने स्टाइल से समझौता नहीं किया। वे जानते हैं कि उनकी भूमिका क्या है और वे उसे बखूबी निभाते हैं।
आज के क्रिकेट में जहाँ टी-20 का बोलबाला है, वहाँ ब्रैथवेट जैसे खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट की रूह को ज़िंदा रखे हुए हैं। वे इस बात का प्रमाण हैं कि क्रिकेट सिर्फ़ चौके-छक्कों का खेल नहीं है, बल्कि धैर्य, तकनीक और रणनीति का भी खेल है।
क्रेग ब्रैथवेट एक ऐसे योद्धा हैं जो चुपचाप अपनी लड़ाई लड़ते रहते हैं। वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए उनका योगदान अमूल्य है। वे टेस्ट क्रिकेट के असली हीरो हैं।