क्या ओसवाल्ड अकेला हमलावर था? यह सवाल दशकों से बहस का विषय रहा है। वॉरेन कमीशन, जिसने इस हत्या की जांच की, ने निष्कर्ष निकाला कि ओसवाल्ड ने अकेले ही कैनेडी की हत्या की थी। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि इस हत्या में और भी लोग शामिल थे, और वॉरेन कमीशन की रिपोर्ट में कई कमियां हैं।

कुछ सिद्धांतों के अनुसार, इस हत्या में माफिया, CIA, या फिर क्यूबा की सरकार का हाथ हो सकता है। कैनेडी की नीतियों से ये सभी नाराज थे, और उन्हें हटाने का उनका अपना स्वार्थ हो सकता था। इन सिद्धांतों के समर्थन में कुछ सबूत भी पेश किए गए हैं, लेकिन इनमें से कोई भी निर्णायक नहीं है।

एक और सवाल जो उठता है वह है "मैजिक बुलेट" का। वॉरेन कमीशन के अनुसार, एक ही गोली कैनेडी और टेक्सास के गवर्नर जॉन कॉनली दोनों को लगी थी। यह सिद्धांत कई लोगों को अविश्वसनीय लगता है, और इसे "मैजिक बुलेट" थ्योरी कहा जाता है।

आज भी, JFK की हत्या के आसपास के रहस्य बरकरार हैं। नए सबूतों की खोज और पुरानी जानकारी के पुनर्मूल्यांकन से लगातार नए सवाल उठते रहते हैं। क्या कभी हम सच जान पाएंगे? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब शायद इतिहास के गर्भ में ही दफ्न रहेगा।

इस घटना ने अमेरिकी समाज पर गहरा प्रभाव डाला। इसने लोगों के सरकार पर विश्वास को कमजोर किया और साजिश के सिद्धांतों के प्रति एक रुझान पैदा किया। JFK की हत्या आज भी एक ऐसा विषय है जिस पर चर्चा और बहस जारी है, और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक रहस्य बना रहेगा।

कैनेडी की हत्या ने अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य को भी बदल दिया। उनके उत्तराधिकारी, लिंडन बी. जॉनसन, ने कैनेडी के कई प्रोग्रामों को आगे बढ़ाया, जिनमें नागरिक अधिकार अधिनियम भी शामिल था। हालांकि, कैनेडी की हत्या ने अमेरिकी राजनीति में एक शून्य पैदा कर दिया, जिसे भरना मुश्किल साबित हुआ।

JFK की विरासत आज भी जीवित है। उनकी युवावस्था, करिश्मा और आदर्शवाद ने एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया। उनकी हत्या एक त्रासदी थी, लेकिन यह हमें याद दिलाती है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहना कितना जरूरी है।