GBS: क्या है ये रहस्यमयी बीमारी? जानें लक्षण, कारण और उपचार
GBS के लक्षण आमतौर पर पैरों और हाथों में झुनझुनी या सुन्नपन से शुरू होते हैं, जो धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ते हैं। कई बार, यह कमजोरी इतनी गंभीर हो सकती है कि चलने, बोलने या सांस लेने में भी दिक्कत हो। कुछ मामलों में, GBS जानलेवा भी साबित हो सकता है, खासकर अगर यह सांस लेने की मांसपेशियों को प्रभावित करे।
GBS के सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं। हालांकि, यह अक्सर किसी बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण, जैसे कि श्वसन या आंत्र संक्रमण के बाद होता है। कभी-कभी, सर्जरी, टीकाकरण या गर्भावस्था भी GBS को ट्रिगर कर सकते हैं।
GBS का निदान आमतौर पर शारीरिक परीक्षण, चिकित्सा इतिहास और कुछ विशिष्ट परीक्षणों, जैसे कि नर्व कंडक्शन स्टडी और लंबर पंचर के आधार पर किया जाता है। जल्दी निदान और उपचार GBS से रिकवरी की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
GBS का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने और रिकवरी में तेजी लाने के लिए उपचार उपलब्ध हैं। इन उपचारों में इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी, प्लाज्मा एक्सचेंज और सहायक देखभाल शामिल हैं। इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी में स्वस्थ दाताओं से एंटीबॉडीज को नसों के माध्यम से दिया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने में मदद करती हैं। प्लाज्मा एक्सचेंज में रक्त से हानिकारक एंटीबॉडीज को हटाया जाता है।
GBS से रिकवरी में समय लग सकता है, और कुछ लोगों में लंबे समय तक कमजोरी या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, ज्यादातर लोग GBS से पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, खासकर अगर उन्हें जल्दी और उचित उपचार मिले।
GBS एक गंभीर बीमारी है, लेकिन उचित देखभाल और समर्थन से इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। यदि आपको GBS के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें। जल्दी निदान और उपचार GBS से जल्दी रिकवरी की कुंजी है। इसके अलावा, GBS के बारे میں जागरूकता फैलाना भी जरूरी है ताकि लोग इसके लक्षणों को पहचान सकें और समय पर इलाज करवा सकें।