कहानी की बात करें तो छावा एक भावुक और दिल को छू लेने वाली कहानी है। यह एक ऐसे व्यक्ति के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने अतीत के साये से जूझ रहा है। फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे वह अपने अतीत के बंधनों से मुक्त होकर एक नई शुरुआत करने की कोशिश करता है। कहानी में कई मोड़ हैं जो दर्शकों को बांधे रखते हैं।

अभिनय की बात करें तो सभी कलाकारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मुख्य किरदार ने अपनी भूमिका को पूरी ईमानदारी से निभाया है और उसके भाव दर्शकों के दिलों तक पहुँचते हैं। सहायक कलाकारों ने भी अपने किरदारों को बखूबी निभाया है।

संगीत भी फ़िल्म का एक मज़बूत पहलू है। गाने कहानी के साथ तालमेल बिठाते हैं और फ़िल्म के माहौल को और भी गहरा बनाते हैं। गीतों के बोल भी काफी अर्थपूर्ण हैं।

निर्देशन की बात करें तो निर्देशक ने कहानी को बहुत ही खूबसूरती से पेश किया है। उन्होंने फ़िल्म के हर सीन को बारीकी से फिल्माया है। कुल मिलाकर, छावा एक अच्छी फ़िल्म है जो दर्शकों को भावुक कर देती है।

हालांकि, फ़िल्म कुछ कमियों से भी अछूती नहीं है। कहानी कुछ जगहों पर थोड़ी धीमी हो जाती है, और कुछ दृश्य थोड़े लंबे लगते हैं। लेकिन, ये कमियां फ़िल्म के मज़बूत पहलुओं के आगे फीकी पड़ जाती हैं।

अंत में, छावा एक ऐसी फ़िल्म है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। यह एक ऐसी कहानी है जो आपके दिल में घर कर जाएगी। अगर आप एक अच्छी और भावुक फ़िल्म देखना चाहते हैं, तो छावा आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। यह एक ऐसी फ़िल्म है जो आपको निराश नहीं करेगी।

क्या यह फ़िल्म एक मास्टरपीस है? शायद नहीं। लेकिन क्या यह एक देखने लायक फ़िल्म है? बिल्कुल!